Tuesday, January 30, 2018

कभी - कभी खुद को भी वक्त दिया करो



कभी - कभी खुद को भी वक्त दिया करो 
जो है तुझमे उससे भी मिला करो 
सैलाब किनारों को छोड़ जाते हैं 
एक समंदर है जो बार - बार किनारों को चूमता है 

बाहरी  बातों में बहुत कुछ नहीं  है 
जो दुनिया है तुझमे, उसमे भी जीते रहो 
कहने को कोई बात बाकी ना रहे 
बुरा वक्त हो तो अपनों को आजमाते रहो 

छोड़ दो उन्हें उनकी राह  पे 
जो हार जाने से डरते हैं 
वो क्या लड़ेंगे ज़माने से 
जो मोहब्बत करने से डरते हैं 


Monday, January 29, 2018

यार मुझे बचा लो



Akhand



यार मुझे  बचा लो 
मुझमे कोई  बहरूपिया रहता  है 
कहीं खो ना जाऊं मैं 
मुझमे कोई  जंगल भी रहता है  

मुझे पकड़ो वहां नफ्रतें जादे हैं 
मुझमे  कई शरहदें भी हैं 
यार कोई तो आओ उजाला लेके
मुझमे अंधेरों का काफ़िला भी है

दूर से ही मुझे बचा लेना
मुझमे प्यार का  बंधन भी है
मिलना भी तो देर तक ना मिलना
मुझमे थोड़ी नफ्रत भी  है 

Sunday, January 21, 2018

तुम अकेले हो ये मान लो

अखण्ड प्रताप चौहान


तुम अकेले हो ये मान लो 
तुमसे रिश्ते सँभलते नहीं ये भी जान लो 
हर कोई नाराज़ है 
तुम्हे तो मनाना  भी नहीं आता  

बड़ी मुश्किल से मिलते हैं लोग 
तुम ये नादानियां करना छोड़ दो 
कैसे रहना है किसके साथ 
ये तुम पहले जान लो 

अकेले जीना इतना आसान नहीं होता  
पागल हो जाओगे इन तन्हाइयों के बीच 
तुम्हें लोगों की जरुरत है 
ये तुम कुबूल करलो

अपने पास लोगों को आने दो 
अच्छे ना सही बुरे ही सही 
फूलों की हिफाज़त कांटे ही करते हैं 
इन्हें संभाल के रखो
तुम अकेले हो ये मान लो 

Monday, January 15, 2018

आज बिछड़ने की मेरी बारी थी


Nature

आज बिछड़ने की मेरी बारी थी 
मैं दरिया का नहीं, समंदर का कतरा हूँ 
ये जुदाई कई दिनों की नहीं 
मिलना और बिछड़ना हर रोज का सिलसिला है

आज मैं छूटा हूँ 
कल मेरी जगह कोई और होगा 
तुम किसी से नहीं बिछड़ते 
तुम्हारा कोई नहीं है क्या 

समंदर से जुदा होके
मैं बेजान सा हो जाता हूँ 
पत्थरों के बीच मुझे छोड़ जाता है 
लहरें बनाने का हुनर भी छीन ले जाता है 

Wednesday, January 10, 2018

अगर किनारों से लौट गए

Chunmun

अगर किनारों से लौट गए 
तो दिल को समझाना मुश्किल होगा 
इन लोगों की मत सुनना  
नहीं तो आँसुओं का गिरना भी कम ना होगा 

तोड़ना ही है  दिल को 
तो थोड़ा और परेशान करते हैं इसको 
इतना जल्दी भी क्या है 
चलो  कुछ दूर और चलते हैं 

जब क़ुबूल कर रहा है जमाना हमें 
तो हम बिछड़ने की बातें क्यों करते हैं 
अगर तुम्हें प्यार से डर लगता है 
तो चलो  कुछ और बातें करते हैं 






Monday, January 8, 2018

खुद को देख लिया है हमने


Chunmun

खुद को देख लिया है हमने 
आपकी बाहों में लिपटे हुए 
इन आखों की संदूकों को भी खोल के देख लो 
खुला छोड़ा है हमने कई सालों से आप के लिए 

अब ये मत कहना की .......
ताला लगा लो, लुट जाओगे 
यहाँ दिलों की सौदेबाजी चलती है
तुम अभी बच्चे हो संभल जाओ 
यहाँ बूढ़ों की भी नहीं चलती है 

अगर ऐसा है तो ......
लूट लीजिये हमे 
बस लूटने के लिए किसी और को ना भेज देना 
हम तो दफ़न ही होना चाहते हैं 
बस जगह तो हो आप की बाहों में  




Thursday, January 4, 2018

कहने को बहुत कुछ बाकी सा रह जाता है


रोमांस

कहने को बहुत कुछ बाकी सा रह जाता है 
जब किसी की बातें अच्छी लगने लगती है 
शर्माना सीख जाते हैं हम 
जब किसी से चुप -चुप के प्यार करने लगते हैं हम  

इजहार कैसे करते हैं 
ये किसी जुआ से कम नहीं है 
कभी आँख बंद करके भी उसे देखना 
आँखों पे इतना भरोसा मत करना  

उसकी हँसी में जी लेना 
और उसके गम में भी थोडा रो लेना 
मौका मिले अगर खुद से 
तो ज़िंदगी भर के लिए उसका हो लेना 



समस्या बतायी जा रही है

समस्या बतायी जा रही है  सबको दिखाई जा रही है  ये भी परेशान है  ये बात समझायी जा रही है   देसी दारू पिलाई जा रही है  रेड लेबल छुपाई जा रही है...