Saturday, March 24, 2018

जब मुझे सुनने वालों की तादात बढ़ जाएगी


जब मुझे सुनने वालों की तादात बढ़ जाएगी
तो तुम मुझे नज़र अंदाज करना भूल जाओगे
माना की मेरी कमजोरियों पे तुम्हे आज हंसी आ रही है
लेकिन, जब तुम्हारे अपने ही मेरी तारीफ करेंगे , तो तुम डर  जाओगे

जब पैसों की आंधियाँ आएंगी
तो तुम्हारे हर एक हुनर को उड़ा ले जायेंगी 
तुम कुछ कर नहीं पाओगे
और हर किसी से तुम्हारी दूरियाँ बढ़ जायेंगी

तुम्हारी सारी की सारी  होशियारी धरी की धरी रह जाएगी
जब तुमसे ही हारा हुआ कोई, तुम्हे हरायेगा
और बरसों पहले जो आंसू तुम्हारी आँखों में सूख गया था
वो फिर तुम्हारी पलकों पे नज़र आयेगा

वो नफ्रतें जो तुमने पैदा किया था
खुद में ............
वो जल के राख हो जायेगा
जब तुम पूरी तरह से बिखर जाओगे

जब तुम्हारे पास कोई नहीं आयेगा
तो हर एक दुश्मन तुम्हे दोस्त नज़र आयेगा
और तुम हर किसी से प्यार करना चाहोगे
लेकिन इस राह पे तुम अकेले ही रह जाओगे 







Sunday, March 18, 2018

मत करना यकीं मुझपे


मत करना यकीं मुझपे
मैं खुद नहीं करता भरोसा किसी पे 
तुम रहने दो, मत जाओ, खुद की तारीफों पे 
तुम्हारी नज़रें ही पहचान लेगी, जब आयेगा तुम्हारा चेहरा आईना पे 

वो मेरी मोहब्बत को संभाल नहीं पाये
घर वाले मानेगे नहीं, ये कहके चले गए 
वो लाये थे इश्क का चिराग, तूफानों की बस्तियों में 
एक बार फिर इश्क को बदनाम कर गए 

तुम्हें डर था बिक जाने का 
तो मुझे नीलाम कर देते 
छुपा लेते हर किसी से अपना नाम 
मुझे बदनाम कर देते 

अब जाओ तुम अपनी मंजिल की तरफ 
अपना तो रास्ता ही दूसरी तरफ है 
रोना ना मेरे सामने, कहीं ऐसा ना हो 
अपना रास्ता घुमाके, तुम्हारी मंजिल की तरफ कर लूँ 

Saturday, March 10, 2018

मेरी नज़रों की बात ना कर


मेरी नज़रों की बात ना कर 
खुद  पे भी तो गौर कर
हर जुर्म मेरा ही क्यूँ 
कदम तो तेरे भी ना रुके इस राह पे  

करीब आना अगर मेरी गलती थी 
तो दूरियाँ तुमने क्यों नहीं बढाया 
वो रातें  यादगार हुई तो क्या 
इसमें साथ तेरा भी तो था 

अब बात छोड़ो भी लोगों की 
मैं किसी के जुबां  पे पहरा नहीं देता हूँ  
ज़िन्दगी सिर्फ तारीफों से भरी नहीं है 
गाली मिले तो उसका भी स्वागत कर लेता हूँ

तुम्हे लगता है की हमारा प्यार बदनाम हो रहा है
तो हो जाने दो
शोहरत का ये भी एक पहलू है
बस खुश इतने से रहो
की हर किसी की जुबां पे अपना नाम तो जिंदा रहेगा

Tuesday, March 6, 2018

एक बार फिर रंगों से मुलाकात हुई

Pexels-- Free for personal and commercial use

एक बार फिर रंगों से मुलाकात हुई 
बातों का सिलसिला तेजी से चला 
फिर ना जाने क्यों रुक-रुक के ख़त्म तक पहुँच गयी 
मैंने एक रंग से पूछा 
कैसे हो बहुत दिन के बाद मुलाकात हुई 
मुस्कुराते हुए उसका बयां था 
हाँ आज के ही दिन हमारी जनसंख्या बड़ती है 
और आज के ही दिन कम भी हो जाती है
आज के ही दिन हम लोगों के सर से सरकते हुए 
पाँव के निचे चले जाते हैं 
उसने मुझसे भी पूछा 
की तुम बताओ, तुम्हारी उम्र तो 
60-70 साल से भी बड़ी होती है 
तुम लोग तो बहुत कुछ कर लेते हो
लेकिन फिर भी अंत में तुमलोग भी 
पाँव के नीचे ही दफ़न हो जाते हो 
क्या रिश्ता है इस जमीन से 
जो हर कोई इसी में जाके मिल जाता है 
और मुस्कुराते हुए वो रंग मेरे हाथों से नीचे गिर गया   
उसका रंग हरा था 
वो गिरते हुए कहा 
होली मुबारक हो ...............................

Thursday, March 1, 2018

Happy Holi


बेटा बोला, पापा हमने होली खूब खेली

बेटा बोला, पापा हमने होली खूब खेली 
मैंने बोला, बेटा पिछली होली में तुम नहीं थे 
उसके बीतने के बाद तुम हुए पैदा 
ये होली के दिन की अभी शुरुआत है 
पहले ये बताओ तुम्हारी मम्मी हैं कहाँ 
उनको भी रंगों से करायें हम मुलाकात
मोहतरमा गुस्से में किचेन से किया बहार 
मूड हमारा हुआ ख़राब 
दो पैग मारने के बाद 
फिर से हुआ तैयार 
इस बार हमने एक ना सुनी 
हैप्पी होली ..हैप्पी होली बोलके 
बाहों में लिया भर 
ऐसी होली हमने खेली 
की अगली होली पे शायद 
दो बेटों का हो जाऊंगा मैं बाप 
हैप्पी होली ....

समस्या बतायी जा रही है

समस्या बतायी जा रही है  सबको दिखाई जा रही है  ये भी परेशान है  ये बात समझायी जा रही है   देसी दारू पिलाई जा रही है  रेड लेबल छुपाई जा रही है...