Monday, January 29, 2018

यार मुझे बचा लो



Akhand



यार मुझे  बचा लो 
मुझमे कोई  बहरूपिया रहता  है 
कहीं खो ना जाऊं मैं 
मुझमे कोई  जंगल भी रहता है  

मुझे पकड़ो वहां नफ्रतें जादे हैं 
मुझमे  कई शरहदें भी हैं 
यार कोई तो आओ उजाला लेके
मुझमे अंधेरों का काफ़िला भी है

दूर से ही मुझे बचा लेना
मुझमे प्यार का  बंधन भी है
मिलना भी तो देर तक ना मिलना
मुझमे थोड़ी नफ्रत भी  है 

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thank u so much...

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