Saturday, June 15, 2019

जिन्हें लगता है हम डर जायेंगे





जिन्हें लगता है हम डर  जायेंगे 
उन्हें बिल्कुल नहीं पता हम क्या -  क्या कर जायेंगे 
वो बारिश की बूंद समझते हैं हमे 
देखते रह जायेंगे जब हम लहरों में बदल जायेंगे

दो - चार को हरा के, क्या तुम सबको हरा दोगे ?
ये ग़लतफ़हमियाँ ही पालोगे और कुछ नहीं कर पाओगे 
मुलाकात होगी जिस दिन हमसे 
वापिस लौटने का ईरादा कर लोगे

अभी दौड़ लो जितना दौड़ना है तुम्हे 
कदम रखेगें जो रास्तों पे तो नज़र नहीं आओगे 
हर मोड़ पे हम ही नज़र आएंगे 
जहाँ - जहाँ रोशनी की दुआ मांगोगे 



Friday, March 1, 2019

वो चले गए ....




जो बुरे कदमों पे टोका करते थे
रिश्तों की बाग़ को सींचा करते थे
रोने की वजय जो पूछा करते थे
वो चले गए ....

जो नए नाम से पुकारा करते थे
जिनको माँ राखी बांधा करती थी
और मीठा हम खाया करते थे
वो चले गए ......



जो बड़े होने पे अदब से बातें करते थे
क्या करता हूँ ये पूछा करते थे
पैर छूने से पहले जो आशीर्वाद दिया करते थे
वो चले गए ......

मेरे हारने पे जीत की उम्मीद जगाया करते थे
मायूस ना होना ये दोहराया करते थे
मेरी हर जीत पे जो मुस्कुराया करते थे
वो चले गए........

समस्या बतायी जा रही है

समस्या बतायी जा रही है  सबको दिखाई जा रही है  ये भी परेशान है  ये बात समझायी जा रही है   देसी दारू पिलाई जा रही है  रेड लेबल छुपाई जा रही है...