कोई है जो मिलने वाला है
सब्र का फंदा जलने वाला है
कहीं ये नज़रों का धोखा तो नहीं
की सिर्फ वो मुझे आजमाने वाला है
इंतज़ार में उसके मैं अब रुकने वाला हूँ
चलना छोड़ दिया बेसक मैं अब हारने वाला हूँ
करीबियां बढ़ गयीं अब मौसम बिछड़ने वाला है
ऐसे मोड़ पे अब कोई ना सम्हलने वाला है
चेहरा बता दिया वो नज़रें चुराने वाला है
लगता है किसी और का होने वाला है
बहुत जली ये ज़मीं फ़रेबी अंदाज़ पे
घटा आ गयी अब आंसू बरसने वाला है
फिर कभी मिल के इन रिश्तों को रफ़ू ना करने वाला हूँ
भीड़ में बहुत जी लिया अब अकेले ही रहने वाला हूँ
वैद - हकीमों के पास इसकी कोई दवा नहीं है
नींद बीमार है अब मैं ना सोने वाला हूँ
Bahot khub
ReplyDeleteSupar
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