इतना दर्द भर देंगे
हर एक वक़्त में
कि ख़्वाबों को पूरा करने के लिए
ख़ुदा मज़बूर हो जायेंगे
हर ज़ख्मों को खेतों में बो देंगे
और उन्हें ही खा के ज़िंदा रहेंगे
फिर देखते हैं
आप कैसे नज़र अंदाज़ करते हैं
अपने ही आँसुओं कि दरिया में
जब कश्ती लेके उतरेंगें
फिर देखते हैं मेरी चाहतों को मिटाने वाले
कितना जिग़रा रखते हैं
Mast
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