मिली है जो विरासतें
उसे यूँ ना बर्बाद करो
मुश्किल से ईमान रौशन है
उसे यूँ ना गुनेहगार करो
दिन चमकता है
उसे बेशक प्यार करो
रात अंधेरों का है
उसे यूँ ना बदनाम करो
दुश्मन अगर मिल जाये
हरि समझ के नमस्कार करो
इश्क़ अगर समझ में ना आये
तो दर्द का ही कारोबार करो
लड़ाइयां अकेले ही लड़नी है
ये समझो और ऐलान करो
चिल्लाने से कुछ नहीं होगा
जाओ बढ़ो कुछ काम करो
मिलेगा ना कुछ इस हालात पे
थोड़ा और ज़ख़्मों से बात करो
ज़मीं आसमां हिल जाये
कुछ ऐसा काम करो
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