Thursday, March 25, 2021

चेहरा देखे हुए ज़माना हो गया



 

चेहरा देखे हुए ज़माना हो गया 

नक़ाबों में इंसानों का रहना हो गया 

खुद को इतना शातिर ना समझों 

कमियां छुपाने का दौर अब पुराना गया 


रूठे हुए बारिशों के बाद अब मौसम सुहाना हो गया

जहाँ लोग जाने से डरते थे वहां आज मैखाना हो गया 

सिद्दत से निभाया था दरबारी का काम वो 

पूरे दरबार में आज उसी का मालिकाना हो गया 


ऐसी ही थी उसकी खूबसूरती की मैं दीवाना हो गया 

ना चाहते हुए भी उसके दर्द पे मुस्कुराना हो गया 

बस इतने ही खिस्से से पछताना हो गया 

अब हम दोनों का अलग-अलग आना-जाना हो गया 

Thursday, March 18, 2021

रहने दो तुम अब क्या करोगे

 


रहने दो तुम अब क्या करोगे 

साज़िशों में फंसा के वकालत करोगे 

कोई और रास्ता नहीं मिला तुम्हे 

रिस्तों में फंसा के सौदा करोगे 


करने दो हरकतें उसे रोकेंगे 

तुम सही रहना खुदा उसे देखेंगे 

और बच के रहना तुम भी 

तुम्हारे कर्मो पे भी वो सोचेंगे 


लोग आते और जाते रहेंगे 

आवा जाही में रिस्तें निभादेन्गे 

गल्ती से भी पीछे मत रह जाना 

थोड़ी भी दुरी बढ़ी तो लोग तुम्हे भुला देंगे 


Friday, March 5, 2021

ये जो आज मेरे हक़ की रोटियां खाये जा रहे हैं

 


ये जो आज मेरे हक़ की रोटियां खाये जा रहे हैं 

ये अपने ही जख्मों को सजाये जा रहे हैं 

बेवजय लोगों को रुला के  

अपने लिए आंसू बनाये जा रहे हैं 


दूसरों की गल्तियों पे मुस्कुराये जा रहे हैं 

अपने तमाम चूतियाफे को छुपाये जा रहे हैं 

पिछवाड़े से कुर्सियाँ खिसक ना जाये 

ऐसी तमाम तिकड़म-बाज़ी लगाए जा रहे हैं 


मैं बड़ा तुम छोटे ये समझाए जा रहे हैं 

दो कौड़ी के सपने दिखाए जा रहे हैं 

मैं बज़बूत तो बन ही जाऊँगा 

मेरी नज़रों में ये खुद को गिराए जा रहे हैं 

Wednesday, March 3, 2021

खिलता है और गिर के खो जाता है

 


खिलता है और गिर के खो जाता है 

काँटों के बीच में वो मुस्कुराता है 

मोहब्बत पे उसकी बलि चढ़ती है 

कैसा है ये मैयत पे भी नज़र आता  है 


अंगारों में तप के दीयों का गुज़रना होता है 

सीने में आग जला के रौशनी बिखेरना होता है 

कोई देख ना ले पैरों के नीचे का अँधेरा 

दीयों को ये भी छुपाना होता है 


छतों को कहीं और नहीं जाना होता है 

दीवारों पे लेट के एक आशियाँना बनाना होता है 

बारिश, धूप, अँधेरा कितना भी हो 

घरों की खुशियों में थोड़ा मुस्कुराना होता है 


समस्या बतायी जा रही है

समस्या बतायी जा रही है  सबको दिखाई जा रही है  ये भी परेशान है  ये बात समझायी जा रही है   देसी दारू पिलाई जा रही है  रेड लेबल छुपाई जा रही है...