दो ही चार दिन खेल के
वो ज्ञान पेलने लगा
हम बरसों बिताये
हम ही को रेलने लगा
सामने मुझे बिठा के
खुद ही खेलने लगा
कहानियों के बीच में रख के
करैक्टर निभाने लगा
वो रुक गया ग़लतियाँ कर के
मैं मुस्कुराने लगा
वो रत्ती - रत्ती पूछ के
खुद को निखारने लगा
समस्या बतायी जा रही है सबको दिखाई जा रही है ये भी परेशान है ये बात समझायी जा रही है देसी दारू पिलाई जा रही है रेड लेबल छुपाई जा रही है...
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thank u so much...