Monday, September 24, 2018

तेरे आस - पास ही मिलेंगे हम बार - बार



तेरे आस - पास ही मिलेंगे हम बार - बार
छोड़ के ना जायेंगे हम उस पार
ये रिश्तों की रस्सियाँ जल भी जायेंगी तो क्या
राख से ही मिलने आयेंगे हम हज़ार बार

ये परिंदे भी उड़ जायेंगे दरिया उस पार
मोहब्बत अगर ना मिली इस पार
और हम दुआएं भी छोड़ जायेंगे तेरे लिए
कभी मिले ना तुझे कोई हार

वो रास्तें होते हैं कांटेदार
जिसपे सजी होती है मुस्कानों की बहार
जीत जायेंगे वो जिनके हक में दर्द हो
खुशियाँ इंतज़ार में हैं कब मिले आंसुओं का सैलाब

लौट आने का कोई उम्मीद हो तो लिख देना एक तार
हम करते ही रहेंगे तेरे लौट आने का इन्तजार
जाओ देख लो और लोगों का भी प्यार
कम पड़े अगर तो चले आना मेरे दरबार


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thank u so much...

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