Wednesday, September 12, 2018

एक लहर ऐसी आएगी सबकुछ ठीक हो जायेगा


एक लहर ऐसी आएगी सबकुछ ठीक हो जायेगा 
ये ख़्वाब है ख़्वाब ही रह जायेगा 
लकीरें तब बदलेंगी  
जब खुद के हाथों से कोई काम होगा 

कुछ बोलोगे तो लोग बिगड़ जायेंगे 
नसीहतों में ख़ामोशी की दवा देंगे 
कह दोगे जो तुम हकीकत की वारदात 
सारे लोग तुम्हे छुप - छुप के सजा देंगे 

तुम्हारी आँखों में वो तुम्हारे साथ नज़र आयेंगे 
कन्धों पे जो हाथ रखोगे तो बिछड़ जायेंगे 
ये सच्चाईयां सारे आम नज़र आएँगी 
तुम्हे पता चलेगा तो रो दोगे

इनके माप - दण्ड की ज़िन्दगी इन्हें सौंप दोंगे 
जब वाकया में इनसे रूबरू होगे
और इनका काफ़िला भी तुम छोड़ दोगे 
जब तुम्हारे कारवां तुमसे जुदा होंगे  

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