एक लहर ऐसी आएगी सबकुछ ठीक हो जायेगा
ये ख़्वाब है ख़्वाब ही रह जायेगा
लकीरें तब बदलेंगी
जब खुद के हाथों से कोई काम होगा
कुछ बोलोगे तो लोग बिगड़ जायेंगे
नसीहतों में ख़ामोशी की दवा देंगे
कह दोगे जो तुम हकीकत की वारदात
सारे लोग तुम्हे छुप - छुप के सजा देंगे
तुम्हारी आँखों में वो तुम्हारे साथ नज़र आयेंगे
कन्धों पे जो हाथ रखोगे तो बिछड़ जायेंगे
ये सच्चाईयां सारे आम नज़र आएँगी
तुम्हे पता चलेगा तो रो दोगे
इनके माप - दण्ड की ज़िन्दगी इन्हें सौंप दोंगे
जब वाकया में इनसे रूबरू होगे
और इनका काफ़िला भी तुम छोड़ दोगे
जब तुम्हारे कारवां तुमसे जुदा होंगे
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thank u so much...