Friday, December 8, 2017

अगरबत्ती स्टैंड को किसने हुक्म दे दिया



Poetry at Agarbatti stand
अगरबत्ती स्टैंड 



अगरबत्ती स्टैंड को किसने हुक्म दे दिया 
इन धुओं को टुकड़ों में बिखेरने की 
और साजिस किसकी थी 
जलते हुए को कैद करने की

चाह के भी वो खुद को बुझा ना पाया 
ऐसी आग लगी थी उसके बदन पे 
और उतने ही हवाओं को मिलने दिया गया 
ताकि वो  मिलके कहीं उसे बुझा न दें 

हर कोई कर्जदार हो गया 
उसके बिखरे हुए खुशबू की 
और वो जल के राख हो गया 
ऐसी बेवफाई थी उसके खुशबू की 





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