Wednesday, April 14, 2021

बहुत कुछ हम भी सिखाएंगे


बहुत कुछ हम भी सिखाएंगे 

ज़िन्दगी भर सीखते ही नहीं रह जायेंगे 

ख़ामोशियों को ज़रा इकठ्ठा तो हो जाने दो 

फिर देखना हम शोर कैसे मचाएंगे 


झूठ हम भी सलीके से बोलेंगे 

सच के अंगारों में जलते ही नहीं रह जायेंगे 

अभी गुनाह करने की आदत तो पड़ जाने दो 

फिर मौत का खेल हम भी दिखाएंगे 


गलियों में मार पीट हम ना करेंगे 

चौकी-थाना तक सिमट के ना रह जायेंगे 

महीनो तक धुंआ उड़ेगा गोलियां जहाँ भी चलाएंगे 

फिर गुंडई करते कैसे हैं हम भी समझायेंगे 


Thursday, April 8, 2021

मिली है जो विरासतें


मिली है जो विरासतें 

उसे यूँ ना बर्बाद करो 

मुश्किल से ईमान रौशन है 

उसे यूँ ना गुनेहगार करो


दिन चमकता है 

उसे बेशक प्यार करो 

रात अंधेरों का है 

उसे यूँ ना बदनाम करो 


दुश्मन अगर मिल जाये   

हरि समझ के नमस्कार करो 

इश्क़ अगर समझ में ना आये

तो दर्द का ही कारोबार करो 


लड़ाइयां अकेले ही लड़नी है 

ये समझो और ऐलान  करो 

चिल्लाने से कुछ नहीं होगा 

जाओ बढ़ो  कुछ काम करो 


मिलेगा ना कुछ इस हालात पे 

थोड़ा और ज़ख़्मों से बात करो 

ज़मीं आसमां हिल जाये

कुछ ऐसा काम करो 





 

 

समस्या बतायी जा रही है

समस्या बतायी जा रही है  सबको दिखाई जा रही है  ये भी परेशान है  ये बात समझायी जा रही है   देसी दारू पिलाई जा रही है  रेड लेबल छुपाई जा रही है...