चेहरे पे उसके गहरी ख़ामोशी होती है
हालातों से लड़ने की उसकी कोशिश होती है ||
तुम उसे डराने में लगे रहे
वो अपने मंज़िलों से रूबरू है हर क़दम पे उसके चुनौती होती है ||
दिखता नहीं है मग़र बादलों में बारिश होती है
क़रीब जाओगे उसके दिल के, तुम्हारे दर्द की भी वहां हिफाज़त होती है ||
कैसे संभल जाता है वो लड़खड़ा के
जब उसके हाथों में बहनो की राखी होती है ||
जख्मों की क़तारें लगती है तब जाके उसके आँखों से बारिश होती है
ज्यादा बकबक मत करो बातों पे उसके क्रांति होती है ||
हर किसी की तरह हल्के में तूँ लेता है जिसे
सच कहूं तो मंज़िलें उसी को हासिल होती हैं ||
उसकी हाथों में जो क़लम ठहरती है
रातों में उसकी उससे बातें होती हैं ||
यक़ीं ना हो तो इतिहास से जाके पूछो
उसके घर में उसकी पूजा होती है ||
Nicely written. Keep posting
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