वो आज मुझे
समझाने लगे हैं ||
मैंने अपने क़रीब आने दिया
वो मुझे लूट के अब जाने लगे हैं।।
जिन्हे थोड़ा सा हासिल हुआ
वो अब क़तराने लगे हैं ||
थोड़ी मुझमे क़ाबिलियत दिखी
वो लौट के वापस आने लगे हैं ।।
जिन्हे लोगों ने ठुकरा दिया
वो लहरों से अब टकराने लगे हैं ||
लोगों ने जिसे ख़ूब रुलाया
वो अब मुस्कुराने लगे हैं ।।
जिन्हे मोहब्बत ने नकार दिया
वो अब प्रेम गीत गाने लगे हैं ||
लोगों ने जिन्हे भुला दिया था
आज उन्ही की बातें करने लगे हैं ||
जिन्हे ठोकरों ने कई बार गिराया
आज रास्ते उन्हें सम्हालने लगे हैं ||
रोटियां अक्सर जिनकी जल जाया करती थीं
वो आज माल-पुआ खाने लगे हैं ||
जिनसे बरसों तक मोम नहीं पिघला
वो आज पत्थर पिघलाने लगे हैं ||
चारो तरफ जिसकी बुराइयां होती थीं
आज वो तारीफों में नहाने लगे है ||
जो देश को बचाने में नेता बन गए
वो आज दीमक बनके चबाने लगे हैं ||
खुद को जो नास्तिक बताते थे
वो आज मंदिर - मस्जिद जाने लगे हैं ||
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