सब कुछ हुआ
बस यादगार नहीं हुआ
ऐसा नहीं की उम्मीद नहीं थी
बस हाथों में लकीर नहीं थी
कुछ भी नहीं हुआ
अगर प्यार नहीं हुआ
करने वाले कर के चले गए
हम उम्मीद और लकीरों में फंसे रहे
बहुत कुछ नहीं हुआ
प्यार था प्यार ही हुआ
मिले तो हम भी नहीं थे
खतों का दौर था खतों से इजहार हुआ
वही तो नहीं हुआ
प्यार था यादों में शामिल हुआ
क़दमों ने कई बार करवटें बदली
हमने कहाँ बस अब बहुत हुआ
Pyar to hota hai pyaar
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