बस करो कितना नाराज़ रहोगे
बिना बोले कोई तरीका है समझाने का
कुछ दिन और जी लेते हैं इश्क में
तुम इशारा मत करो छोड़ जाने का
मैं अकेले नहीं रह पाती हूँ
तुम्हे थोड़ी भी फिकर नहीं है मेरे गुम हो जाने का
बेचैनियाँ दूर रहें ये गुज़ारिश हैं मेरी
मुझे तो परवाह ही नहीं है खुद बिखर जाने का
जिस राह पर भी चलती हूँ
सारे रास्ते दुआ माँगते हैं मेरे आने का
और तुम्हे धोड़ा भी गुरुर नहीं हैं मुझे पाने का
खो जाउंगी इस दुनिया के भीड़ में कहीं
अगर ये चेहरा लगाया तुमने ये दुनिया का
फिर मैं कभी नहीं मिलूंगी इस ज़माने में
फिर ये मत कहना वो आई नहीं, मुझे अपसोस हैं उसके जाने का
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thank u so much...