इश्क करना चाहता हूँ
है क्या, कोई खाली
किसी से गुफ्तगूँ करना चाहता हूँ
है क्या, कोई राजी
जो बातें रह गयी है मेरी
वो बता देना चाहता हूँ
रास्तों में दीवार खड़ी मत करना मेरे
ये पहले ही समझा देना चाहता हूँ
और तुम डरना मत किसी से
मेरे रुतबे को पहचान लेना
वो लड़ने से पहले हार जाते हैं
जो मेरे खिलाफ खड़े हो जाते हैं
और वो क्या लुटेंगे तुम्हे
जो खुद लुटने से बच नहीं पाए
जिस दिन तुम्हारा साया, उनके उपर से उठ जायेगा
कोई भी हो, वो इस जहां में टिक नहीं पायेगा
Nice lines
ReplyDelete