Friday, December 22, 2017

प्यार हमें भी हुआ था

प्यार हमें भी हुआ था


प्यार हमें भी हुआ था 
तूफानों के गाँव में दिया लेके चला था 
जमाने की मैं सुनता नहीं 
हुआ यूँ की घंटों उसको सुना था 

रात दिन कैसे गुज़रा ये जमाना जानता है 
आशिकी सिर्फ मेरी नहीं ये तुम भी जानते हो 
हर एग्जाम की बाखूबी तैयारी करता था  
निबंध बाद में पहले प्रेमपत्र लिख लेता था  

हर वो चीज मैंने छोड़ दी थी 
जो उसे अच्छा नहीं लगता था 
उसे अब भी मैं चाहता हूँ 
ये भी उसे अच्छा नहीं लगता है 

माँ मुझे नहीं बदलती है 
ये इश्क में ही क्यूँ अदला - बदली चलती है 
ये इंसानों की फितरत है 
या इश्क के बाज़ार में यही चलता है 

1 comment:

thank u so much...

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समस्या बतायी जा रही है  सबको दिखाई जा रही है  ये भी परेशान है  ये बात समझायी जा रही है   देसी दारू पिलाई जा रही है  रेड लेबल छुपाई जा रही है...