जिनकी तमन्ना हुआ करती थी होने की
मोहब्बत उनसे नहीं सम्हलती
जिनकी आदत हो जादे सोने की
मैं अकेले ही जी रहा था
मेरी आदत नहीं थी ,किसी कंधे पे सर रख के रोने की
और उनकी ज़िन्दगी खरीद लेता है कोई
जिनके पास हुनर नहीं है जुआ खेलने की
मेरे आंसुओ को मेरे ही हाथ ने पोछा था
मेरे पास कोई तरकीब नहीं थी , रिस्तों को निभाने की
मै तब भी खुल के नहीं हंसा करता था
वो उम्र नहीं थी , जवाने की परवाह करने की
मुझे मौत कैसे आई थी
क्या ये इंसानों की साजिस थी , मुझे दफ़नाने की
मेरी मौत की खुशी में तो तू भी था
क्या ये कोई साजिश है मेरे आंसुओं से बच जाने की
Nice Lines
ReplyDeleteSuperb bro. Kya baat hai
ReplyDeleteNice line akhand bhai
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