जिन्हें लगता है हम डर जायेंगे
उन्हें बिल्कुल नहीं पता हम क्या - क्या कर जायेंगे
वो बारिश की बूंद समझते हैं हमे
देखते रह जायेंगे जब हम लहरों में बदल जायेंगे
दो - चार को हरा के, क्या तुम सबको हरा दोगे ?
ये ग़लतफ़हमियाँ ही पालोगे और कुछ नहीं कर पाओगे
मुलाकात होगी जिस दिन हमसे
वापिस लौटने का ईरादा कर लोगे
अभी दौड़ लो जितना दौड़ना है तुम्हे
कदम रखेगें जो रास्तों पे तो नज़र नहीं आओगे
हर मोड़ पे हम ही नज़र आएंगे
जहाँ - जहाँ रोशनी की दुआ मांगोगे