इश्क की शान रखो
पर्दा हटाओ सारे आम रखो
दिमाक और जुबान से मिटाके
दिलों में इसकी विरासत रखो
संदूकों में कैद करके मत रखो
ये प्यार है इसको प्यार से रखो
दिल के हर पत्तों पे इसको सजा के रखो
और फिर हवाओं से बचा के रखो
इश्क-बाजारी में भी इसको बिठा के रखो
कोई ख़रीद ना पाए ऐसा दाम लगा के रखो
नज़रों से बचाओ नहीं, उसपे बिठा के रखो
हर कोई इश्क करना चाहे, ऐसा कुछ बना के रखो

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thank u so much...