Thursday, December 13, 2018

इश्क की शान रखो




इश्क  की शान रखो
पर्दा हटाओ सारे आम रखो 
दिमाक और जुबान से मिटाके  
दिलों में इसकी विरासत रखो 

संदूकों में कैद करके मत रखो 
ये प्यार है इसको प्यार से रखो 
दिल के हर पत्तों पे इसको सजा के रखो 
और फिर हवाओं से बचा के रखो 

इश्क-बाजारी में भी इसको बिठा के रखो 
कोई ख़रीद ना पाए ऐसा दाम लगा के रखो 
नज़रों से बचाओ नहीं, उसपे बिठा के रखो 
हर कोई इश्क करना चाहे, ऐसा कुछ बना के रखो  




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thank u so much...

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