Wednesday, December 26, 2018

ये इश्क बड़ा बूद्धू है



ये इश्क बड़ा बूद्धू  है 
हर बार दोस्त की गर्लफ्रेंड से ही हो जाता है 
रोकता हूँ इसे जिस राह पे, ना जाने को 
ये सर फिरा उधर ही चला जाता है 

पल भर की खुशियों पे यकीन मत करना ये समझाता हूँ 
मगर ये दिल है दिमाक की सुनता कहाँ है 
हर बार मोहब्बत की सवारी करने चला जाता है 
ढूढ़ता  हूँ तो वीरानों में भटकता मिलता है 

जंजीरें नहीं लगाऊंगा, तराने छेड़ो 
मगर किसी के आंसुओं को बेघर ना करो
रिश्तों को सम्हालने का थोड़ा हुनर सिख लो 
दिल तोड़ जाते हैं लोग ये कहना छोड़ दो   

Thursday, December 13, 2018

इश्क की शान रखो




इश्क  की शान रखो
पर्दा हटाओ सारे आम रखो 
दिमाक और जुबान से मिटाके  
दिलों में इसकी विरासत रखो 

संदूकों में कैद करके मत रखो 
ये प्यार है इसको प्यार से रखो 
दिल के हर पत्तों पे इसको सजा के रखो 
और फिर हवाओं से बचा के रखो 

इश्क-बाजारी में भी इसको बिठा के रखो 
कोई ख़रीद ना पाए ऐसा दाम लगा के रखो 
नज़रों से बचाओ नहीं, उसपे बिठा के रखो 
हर कोई इश्क करना चाहे, ऐसा कुछ बना के रखो  




समस्या बतायी जा रही है

समस्या बतायी जा रही है  सबको दिखाई जा रही है  ये भी परेशान है  ये बात समझायी जा रही है   देसी दारू पिलाई जा रही है  रेड लेबल छुपाई जा रही है...