वो माँ ही थी
बस चेहरा अलग था
जो दिया वो दिवाली की मिठाई थी
बस प्लेट नहीं था
पैसे भी थे
बस अंदाज़ अलग था
उसके हाथों से जो भी मिलता, रख लेता था
मेरी शिकायतें भी बहुत थी
लेकिन वो बोले तो सुन लेता था
वो माँ ही थी
बस चेहरा अलग था
No comments:
Post a Comment
thank u so much...